अभिव्यक्ति
( कविता, कहानियां एवं लेख )
शुक्रवार, 19 नवंबर 2010
khamoshi
तुमने प्यार से पुकारा
और हम मदहोश हुए
आंखे मदहोश हुईं
और लब खामोश हुए
आँखों ने किये इशारे बहुत
और लब ने की बातें बहुत
खामोश रहकर सब क्या क्या कह गए
और तुममें खोते गए दूर तक हम ..............
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