हर पुराने चोर को खतरा नए चोर से है..
आजकल इस बात की चर्चा बड़े जोरों से है..
मुस्कराहटों से पता चलता नहीं जज्बात का..
मेरा मतलब आँख की उन नाम हुयी कोरों से है..
आदमी से क्यूँ दरोगे आदमी क्या चीज है..
डर अगर कठपुतलियों को है तो वह डोरों से है..
बढ़ गयी हैं नेवलों की और जिम्मेदारियां...
आजकल साँपों की गहरी दोस्ती मोरों से है..
हम क्यूँ साथी बनाये आज तूफानों को..
एक मुद्दत से हमारा साथ कमजोरों से है..
बढ़ गयी हैं नेवलों की और जिम्मेदारियां...
जवाब देंहटाएंआजकल साँपों की गहरी दोस्ती मोरों से है..
एक एक शेर आज कल की सामाजिक राजनैतिक हालात पर टिप्पणी है ।
बहुत ही अच्छा लगा ।
बहुत बहुत धन्यवाद् आशा जी..
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