सोमवार, 10 जून 2013

कौन...??

दोस्तों को दुश्मन बनाया है किसने ..
शमशान में लाशों को पहुँचाया है किसने..

किसने किसको, किसको है देखा ..
न देखा है हमने, न देखा है तुमने...

हुयी शाम, और ये रात है आयी..
किसने, ये तारों की महफ़िल सजाई ...

सोचते-सोचते में सो गया हूँ ..
रात की कालिमा में मैं खो गया हूँ..

किसने इस कालिमा को लालिमा बनाया ..
किसने मुझको फिर से जगाया..

किसने किसको, किसको है देखा ..
न देखा है हमने, न देखा है तुमने...

किसने, हमको और तुमको बनाया ....
बनाकर मिटाया और फिर से बनाया ...

किसने नफरत और द्वेष बनाया ...
किसने प्रेम का सन्देश सिखाया ..

किसने चमन को है मरघट बनाया ..
न जाना है तुमने, न जाना है मैंने..

किसने किसको, किसको है देखा ..
न देखा है हमने न, देखा है तुमने... ??????

12 टिप्‍पणियां:

  1. Aabhar adaraniya Madan Mohan Saxena jee aapka... avashya aapke blog p aaunga.. thanyawad...

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  2. Bahut Bahut Aabhar aapka ki meri rachna ko Nayee Purani Halchal me shamil karne ke liye.. .. dhanyawad..

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