बुधवार, 17 नवंबर 2010

सहारा

मैं परेशां हो जाता हूँ जब
इस तनहाई से भागकर
तुम्हारे पास आता हूँ
जब तुम्हारा साथ न पाकर
मायूस हो जाता हूँ
जब धड़कने रुकने लगती हैं
साँस थमने लगती हैं
जब तुम अपनी बाँहों का सहारा दो
देखो मेरी जिन्दगी को जरुरत है अब ......

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