शनिवार, 29 जनवरी 2011

ख्वाब


तहे जिन्दगी दर्द सहता

रहा हूँ मैं

किसी की याद मैं दम भरता

रहा हूँ मैं

ये मेरी जिन्दगी है या दर्दे दिल की दास्ताँ

जिसके लिए तिल तिल जलता

रहा हूँ मैं

न सोचा न समझा मैंने

खुद को अपने हाथों मिटा

रहा हूँ मैं

इंतजार मैं हूँ बहुत लम्बे सफ़र से

किसी के आने का इंतजार कर

रहा हूँ मैं ।

मेरी जिन्दगी उसके करीब ही होगी

जिसको ख्वाबों मैं बना

रहा हूँ मैं।

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