शनिवार, 29 जून 2013

रिश्ता....

रिश्ता.... 
ख्वाब नहीं है 
ये मेरा ख्याल नहीं है 
ये तेरा सवाल नहीं है 
रिश्ता ..... 
किसी  के लिए चाँद है 
किसी के लिए ख्वाब है 
तो किसी के लिए कसक है 
किसी के लिए महक है 
रिश्ता .... 
बहता पानी है 
मानो तो अमृत है 
न मानो तो बहता पानी है 
रिश्ता .... 
रेत है 
जितना पकड़ो 
सरकता जाता है 
रिश्ता तो रिसता है 
रिश्ता ..... 
खून का हो 
या हो तेरा, या हो मेरा 
रिश्ता तो रिसता है .... 

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