गुरुवार, 21 नवंबर 2013

कैसा लगता है ....

बताओ तो, कि कैसा लगता है ... 
किसी अंजान जगह पर 
किसी अंजान सफर पर 
किसी अंजान का साथ 
खुशी के वो अंजान पल 
साथ गुज़ारना, साथ चलना 
वो एहसास, वो पल 
बताओ तो, कि कैसा लगता है .... 
और फिर अचानक ... 
एक दिन 
किसी अंजान का बिछड़ जाना 
किसी अंजान बातों पर 
किसी अंजान कारणो पर 
फिर लौट कर न आना 
सिर्फ इंतज़ार रह जाना 
किसी से कुछ न कह पाना 
सिर्फ और सिर्फ यादें रह जाना 
बताओ तो, कि कैसा लगता है ..... 

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