रविवार, 22 दिसंबर 2013

मेरे ख्वाब ....

जाओ तुम और दूर चले जाओ... 
जहां चाहो वहाँ चले जाओ 
मगर जी लो न मन भर 
एक बार मेरे साथ ....
मेरे ख्वाब...  मेरे ख्वाब ... मेरे ख्वाब ....
धीरे से जाना ... 
आहट भी न करना 
नींद न टूटने पाये मेरी 
काँच से नाजुक हैं ये ... 
मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब ... मेरे ख्वाब .... 
कुछ तुम भी ले जाना 
बहुत हसीन हैं ये 
दुःख में हँसा देंगे ये 
मुझसे भी प्यारे हैं ये ...
मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब .... 

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