शुक्रवार, 10 जनवरी 2014

मैं कौन हूँ .....

किसको पता कि कौन हूँ मैं ....
कोई शब्द नहीं निःशब्द हूँ मैं ....
खुद के चित्कार में छुप जाता हूँ
मेरा अस्तित्व,
मेरी संवेदनाएं
सन्नाटों ने खूब पढ़ा है
मेरे अनकहे शब्दों को
और ठंडी चुभती सर्द हवाओं ने
महसूस करा है ....
मेरे शब्दों के एहसास को .....
बहुत कुछ कहता हूँ
दिन भर .... 
तुमसे, सबसे
पर सच कहूँ तो 
आज तक
मैं, सिर्फ निःशब्द हूँ .....

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