कुछ भूली -बिसरी यादें हैं
कुछ ताज़ी तरीन बातें हैं
कुछ यादें मीठी मीठी हैं
कुछ करेले सी कडवी हैं
कुछ को भूलना चाहा में
कुछ यादों को में भूल गया
कुछ को भुला कर भुला दिया
कुछ यादों को मिटा दिया
कुछ यादें पल दो पल की थीं
कुछ यादें चिपक कर बैठी हैं
में हरपल यादों में रहता हूँ
यादों को ही में जीता हूँ
कुछ यादें अपनी अपनों की हैं
कुछ यादें औरों की जैसी हैं
यादें तो यादें है ... यादों का क्या......
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